प्रेम और समर्पण की शायरी
प्रेम और समर्पण की शायरी
तुझ में बस्ता है मेरा हर सपना,
प्रेम तेरा ही, मेरा जीवन सलोना।
तेरे बिना अधूरी सी हर बात है,
तुझ को समर्पित मेरी हर साँस है।
इश्क़ में मेरे बस तू ही तू बस्ता,
दिल का हर कोना तुझ पे ही रस्ता।
तेरे लिए मैंने खुद को भुला दिया,
प्रेम में समर्पण का रंग चढ़ा दिया।
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